Суд над Бхагавад-гитой / Attempt to ban Bhagavad-gita


Guest

#4576

2011-12-19 18:12

jai sri krishna

Guest

#4577

2011-12-19 18:14

Please use Bhagavatgita because this is important in every human life. This is the way to join the god. This Bagavathgita is the gift of god. So please don't avoid. This is give the better life to the human.

Guest

#4578

2011-12-19 18:14

Its a Shame to Russian Government to Ban such a holy book which talks abt peace all the time

Guest

#4579

2011-12-19 18:14

i like gita
NIKHIL

#4580

2011-12-19 18:15

This is really horrible, ban on gita, this whole world is saved today only because of the noble,moral and god conscious people, and this modern world is too much afraid of god, for this they will have to pay in hell and in other life also.
HARE KRISHNA

Guest

#4581

2011-12-19 18:16

only hope of life is Bhagavad GITA, for every one, if some people cannot understand, come to the HOLY LAND BHARATAVARSH [INDIA] and learn about it.
Thor

#4582

2011-12-19 18:16

Давайте обратимся к йудеиским писаниям которые не считаются экстремистскими.
- Если еврей испытывает искушение совершить зло, то он должен пойти в тот город, где его никто не знает, и совершить зло там. (Моэд Каштан 17а)
- То, что еврей получает воровством от кьютина (нееврея), он может сохранить. (Санхедрин 57а)
- Все дети неевреев — животные. (Йевамот 98а)
- Неевреи предпочитают заниматься сексом с коровами. (Абодах Зарах 22а-22в)
- Лучший из гоев достоин смерти. (Абода зара, 26, в Тосафот)

- Язычник (т.е. нееврей), который сует нос в Тору (и другие еврейские священные писания) осуждается на смерть. Поскольку, как написано, это наше наследство, а не их. (Санхедрин 59а)
-Schulchan Aruch, Choszen Hamiszpat 388: "Разрешается убивать обличителей евреев везде. Разрешается убивать их даже до того как они начали обличать."
-Schulchan Aruch, Choszen Hamiszpat 388: "Вся собственность других наций принадлежит еврейской нации, которая таким образом имеет право пользоваться всем без стеснения."
-Tosefta Aboda Zara VIII, 5: "Как определить слово грабёж? Гою запрещено воровать, грабить, брать женщин и рабов у гоя или еврея. Но еврею не запрещено делать всё это по отношению к гою."
-Seph. Jp., 92, 1: "Бог дал евреям власть над имуществом и кровью всех наций."
-Schulchan Aruch, Johre Deah, 122: "Еврею запрещено пить вино из бокала к которому прикасался гой, потому что его прикосновение могло сделать вино нечистым."
-Baba Necia 114,6: "Евреи - человеческие существа, а другие нации мира не люди но звери."
-Yebhamoth 11b: "Сексуальные сношения с девочкой разрешены если девочке есть 3 года." !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!


В Бхагавадгите есть что то подобное, хотя бы близко ??

Guest

#4583

2011-12-19 18:16

Its time to make people around us know that iskcon is not bogus sentimentalist but a true religion making people aware of their true self.Srila Prabhupada ki Jai

Guest

#4584

2011-12-19 18:16

GITA IS FOR UNIVERSAL PEACE. BANNING THIS BOOK IN RUSSIA WILL DEPRIVE THE PEACE LOVING PEOPLE OF RUSSIA GOD ALMIGHTY,S DIRECTIVE TO THIS UNIVERSE FOR SALVATION. PLEASE GET SHRIMAD BHAGVAT GITA TRANSLATED IN RUSSIAN LANGUAGE AND NOT BAN THIS SACRED BOOK


Guest

#4585

2011-12-19 18:17

Bhagavad-Gita is a non-sectarian scripture that introduces us to the Absolute truth. Please promote it and propagate as it is for the welfare of humanity!

Guest

#4586

2011-12-19 18:19

Please, dont do this. The book is everything about the supreme God and has nothing to do with extremist.
it is a book full of wisdom and science.



Guest

#4587

2011-12-19 18:19

how could anybody say no to the book of good

Guest

#4588

2011-12-19 18:20

прошу Вас не надо судить священные писания, не надо судить духовность...даже не смотря какая это книга, пожалуйста не проводите суд над духовностью!
Чего ж вы хотите добиться этим? У Вас есть какая-то определенная цель всего этого определенно, иначе бы вы не стали судить...у каждого ведь своя правда. И считаю не стоит "покушаться" на правду других - это их счастливее не сделает.

Guest

#4589

2011-12-19 18:20

This is insane.. and not let the govt ban the book..

Guest

#4590

2011-12-19 18:20

hare krsna! B G not at all shld b baan. its the msg from the supreme personality tats one n only one Lord Krishna

Guest

#4591

2011-12-19 18:20

gita provides life education to humanity. please do not ban

Guest

#4592

2011-12-19 18:20

Please help iskon and receive krishnas blessings for our future generation

Guest

#4593

2011-12-19 18:21

How can a text which is written before any of the abrahamic religions were born be hateful to any faith ? And I am of the opinion that abrahamic texts, especialy KORAN in the name of which millions have been killed around the globe, must be banned.

Guest

#4594

2011-12-19 18:21

Its very sad that we are in this era where there is no respect for higher understanding of human civilization and head of governments are pulling down the ones which are supporting it.

Guest

#4595

2011-12-19 18:21

i support this petitions..............

Guest

#4596

2011-12-19 18:22

यदि रूस में श्रीमद् भागवत गीता पर प्रतिबंध लगता है तो रूस से तत्काल सम्बंध तोडे भारत

गीता पर प्रतिबंध लगाना सामुहिक आत्महत्या के समान है

नई दिल्ली(ंप्याउ)। यदि रूस, श्रीमद् भागवत गीता (प्रभुपाद द्वारा अनुवादित भाष्य ) पर प्रतिबंध लगाने की धृष्ठता करता है तो भारत सरकार अविलम्ब रूस से अपने सारे सम्बंध तोड़ देना चाहिए।’ यह विचार श्रीकृष्ण विश्व कल्याण भारती के प्रमुख देवसिंह रावत ने इस बारे में रूस में हो रहे विवाद पर दो टूक विचार प्रकट करते हुए भारत सरकार से मांग की। श्री कृष्ण विश्व कल्याण भारती के प्रमुख ने कहा कि श्रीमद् भागवत गीता न केवल हिन्दुओं का पावन धर्म ग्रंथ है अपितु विश्व संस्कृति की मूलाधार भारतीय दर्शन का प्राण भी है। श्रीकृष्ण विश्व कल्याण भारती के प्रमुख ने भारत के प्रधानमंत्री द्वारा अपनी हाल में सम्पन्न हुई यात्रा में इस विषय पर शर्मनाक मूक रखने पर कड़ी भत्र्सना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को देश के सम्मान, संस्कृति व हितों की रक्षा करने के अपने प्रथम दायित्व का निर्वाहन करना चाहिए। इस विषय पर भारत सरकार व देश की जनता को आगाह करते हुए श्री रावत ने कहा कि जो समाज व राष्ट्र अपने सम्मान, संस्कृति व हितों को रौंदते हुए शर्मनाक मूक रखते हैं उनका न तो देश व नहीं विश्व समुदाय में कहीं सम्मान होता है। उन्होंने अफसोस प्रकट किया कि रूसी हुकमरानों व समाज को भारतीयों की दशकों से चली प्रगाड़ मित्रता का ईनाम भारतीय संस्कृति के मूलाधार श्रीमद् भागवत गीता को रौंदने की धृष्ठता करके चुकाना चाहता है तो विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति के ध्वज वाहक सवा अरब भारतीय, भारतीय संस्कृति के प्राण व स्वाभिमान को रौंदने की इजाजत रूस सहित किसी देश व समाज को किसी भी कीमत पर नहीं दी देगी। अब फेसला रूसी हुक्मरानों व व्यवस्था को करना है कि वे भारतीयों के साथ दोस्ती को बनाया रखना चाहते हैं कि भारतीयों से दुश्मनी।

गौरतलब है कि महान श्रीकृष्ण भक्त प्रभुपाद ने जड़ चेतन में भगवान श्रीकृष्ण को मानते हुए पूरे विश्व के कल्याणार्थ गीता की दिव्य ज्ञान की गंगा से उद्वार कराने का भागीरथ प्रयत्न किया। उनके इस श्रेयकर प्रयास से पूरे विश्व के लाखों लोगों ने अपना जीवन को धन्य किया। परन्तु गीता रूपि दिव्य ज्ञान के प्रकाश से अज्ञानी लोगों को अपनी धर्म के नाम से चलने वाली भ्रमित करने वाली दुकाने बंद होने का भय सताने लगा। इसी भय से भयभीत हो कर रूस में गीता को अलगाववाद का प्रतीक मानते हुए उस को बंद करने के लिए कुतर्क दे कर ऐन केन प्रकार से गीता व इस्कान पर प्रतिबंध लगाने का षडयंत्र रच रहे है। इसी का एक छोटा सा नमुना है रूस की कोर्ट में इस मामले में एक वाद। हालांकि इस विवाद पर रूसी अदालत ने अपना फेसला एक सप्ताह के लिए रोक दिया है। गीता पर प्रतिबंध की मांग करके रूस के धर्म के ठेकेदारों ने अपने समाज की एक प्रकार से सामुहिक आत्महत्या करने के लिए धकेलने का निकृष्ठ काम कर रहे है। ये सब केवल रूस में हो रहा षडयंत्र नहीं अपितु पूरे विश्व में ईसायत व आतंकवादियों का इस दिशा में सामुहिक शर्मनाक प्रयास है। गीता जडतावादी नहीं चेतनवादी प्रवृति की प्रवाहिका है। इससे रूस का ही सबसे अधिक अहित होगा क्योंकि रूसी दिव्य ज्ञान से वंचित होंगे।

Guest

#4597

2011-12-19 18:23

Everyone has their right to speak , religion ...

The book should not be banned
HARE KRISHNA!

Guest

#4598

2011-12-19 18:23

It is our right

Guest

#4599

2011-12-19 18:24

Ban on Bhagwad Gita is an insult to millions of HINDUS .If Russians will ban it we will pressure our leaders to break all the ties with Russia .INDIA AND HINDUS CAN SURVIVE WITHOUT RUSSIA but we can not tolerate INSULT to our religious scriptures .This step will deteriorate and destroy our love for Russia and it's people .They will lose their great friends INDIAN PEOPLE.

Guest

#4600

2011-12-19 18:26

How can a book which talks about practicalities of life be banned....strange!